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मेरी ग़ज़लों, गीतों और कविताओं का संग्रह
Jul 17, 2008
अजमेर में ’कला अंकुर’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते हुए शरद तैलंग
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मेरा परिचय
शरद तैलंग
कोटा, राजस्थान, India
सुगम संगीत गायक,व्यंग्यकार रंगकर्मी,ग़ज़लकार,कवि,आयोजक, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर,संयोजक सप्त शृंगार संस्था,
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ग़ज़ल " अपनी बातों में असर पैदा कर
मुक्तक : बात दलदल की करे जो
मुक्तक : ये फ़नकार सबसे जुदा बोलता है
कैथल से पधारे शायर गुलशन मदान के सम्मान में ग़ज़ल...
ग़ज़ल : जो अलमारी में हम
गज़ल : जब कबाडी़ घर से कुछ
स्वर्गीय मुकेश की जन्मतिथि पर रोटरी क्लब कोटा तथा...
ग़ज़ल : ये बडा एहसान है
अजमेर में ’कला अंकुर’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में...
ग़ज़ल : आखिरी वक्त यूं तो दूर न था
विकल्प
ग़ज़ल : आप तो बस अपने दम खम..
ग़ज़ल : दिल के छालों का ज़िक्र आता है
विकल्प के कार्यक्रम में कवि एवं शायर
ग़ज़ल : पुराने आईने में शक्ल कुछ
ग़ज़ल : जब से मेघों से मुहब्बत हो गई
ग़ज़ल : बस्तियों के लोग
ग़ज़ल : पत्थ्रर सा जो दिल होता है
ग़ज़ल : इतना ही एहसास बहुत है
ग़ज़ल : जब दिलों में प्यार का मंज़र बनेगा
ग़ज़ल : ग़र ज़माने का करम उसको कभी
ग़ज़ल : हमारी मिन्नतों पर वो अगर कुछ ..
ग़ज़ल : इन दुकानों में सजा सामान ...
मेरा परिवार
ग़ज़ल : आंतडियों से मिलकर उसका ..
ग़ज़ल : तलवारें जब भी मियान मे...
ग़ज़ल : जब तलक आसमान बाकी है
ग़ज़ल : यारी जो समन्दर को निभानी..
मुम्बई में सम्मान
मुम्बई में सम्मान
ग़ज़ल : बहुत से लोग नंगे पाँव जब..
रोटरी क्लब तथा गीताञ्जली कोटा द्वारा स्वर्गीय मुक...
स्वर्गीय मुकेश की याद में रोटरी क्लब तथा गीताञ्जली...
ग़ज़ल : दर्द के साथ दोस्ती कर ली
ग़ज़ल : इस जहाँ में अब ये किस्सा आम है
ग़ज़ल : उन हसीं लम्हों को फिर आबाद करना
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