Jul 15, 2008

मुक्तक : बात दलदल की करे जो

:बात दलदल की करे जो वो कमल क्या समझे ?

प्यार जिसने न किया ताजमहल क्या समझे ?

यूं तो जीने को सभी जीते है इस दुनिया में,

दर्द जिसने न सहा हो वो ग़ज़ल क्या समझे ?

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