आखिरी वक़्त यूं तो दूर न था,
वो तो शायद उसे मंजू़र न था ।
मुझे मालिक का नमक ले बैठा,
वरना इतना कभी मजबूर न था ।
कौन सा ऐसा ज़माना था कहो,
किस ज़माने में ये दस्तूर न था ।
फिर गए साल ये सौगात मिली,
फिर कई मांगों में सिन्दूर न था ।
अब कोई लाख़ बहाने कर ले,
गाँव वो शहर से कुछ दूर न था ।
नाम उनका है जो बदनाम हैं लोग,
तू ’शरद’ इसलिए मशहूर न था ।
Jul 17, 2008
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